मेथी में फॉस्फेट, लेसीथिन, विटामिन डी और लौह अयस्क होता,मेथी का कडवापन उस में मौजूद एक पदार्थ 'ग्लाइकोसाइड' के कारण होता है! मेथी के दाने न सिर्फ शरीर को आंतरिक रूप से मजबूत करते हैं बल्कि शरीर को बाहरी सुंदरता देने में भी सहायक हो सकते हैं। मेथी के दानों को पीसकर यदि त्वचा पर लगाया जाए तो यह सुंदर और मुलायम बनती है। इसका प्रयोग घाव और जलने के इलाज में भी किया जाता है। पुराने समय में बच्चे के जन्म को आसान बनाने के लिए गर्भवती स्त्री को मेथी खिलाई जाती थी
हमारे स्वास्थ्य में रसोई का विशेष योगदान होता है ,यदि रसोई में मौजूद मसालों और अन्य खाद्य पदार्थों का सही मात्रा और उचित उपयोग किया जाए तो ,बढ़िया स्वाद के साथ बढिया स्वास्थ्य भी प्राप्त किया जा सकता है
मंगलवार, 17 अप्रैल 2012
मेथी
मेथी में फॉस्फेट, लेसीथिन, विटामिन डी और लौह अयस्क होता,मेथी का कडवापन उस में मौजूद एक पदार्थ 'ग्लाइकोसाइड' के कारण होता है! मेथी के दाने न सिर्फ शरीर को आंतरिक रूप से मजबूत करते हैं बल्कि शरीर को बाहरी सुंदरता देने में भी सहायक हो सकते हैं। मेथी के दानों को पीसकर यदि त्वचा पर लगाया जाए तो यह सुंदर और मुलायम बनती है। इसका प्रयोग घाव और जलने के इलाज में भी किया जाता है। पुराने समय में बच्चे के जन्म को आसान बनाने के लिए गर्भवती स्त्री को मेथी खिलाई जाती थी
बुधवार, 28 मार्च 2012
पानी
शीर्षक पढ़ कर आप के चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी के पानी के बारे में अवन्ती क्या बताएगी ,सब जानते ही है पानी के गुण,शायद आप ठीक भी है पर कुछ बातें हम जानते हुए भी उनका पालन नहीं करते उन ही बातों को दोहरा रही हूँ एक दो बात शायद नई भी हो
पीने का पानी स्वच्छ होने के साथ में ताज़ा भी होना चाहिए ,यानी के बहुत दिनों से भर कर रखे गए पानी को नहीं पीना चाहिए ,और यदि पीना पड़ भी जाये तो दो ग्लास ले और एक गिलास से दुसरे ग्लास में ऐसे पलटे पानी को जैसे दूध ठंडा करने के लिए पलटते है ,उससे पानी हवा के सम्पर्क में आएगा और आक्सीजन उस में मिलेगी जिससे उस का गुण बड़ेगा
सुबह उठकर एक गिलास पानी जरुर पीये और बिना ब्रश किये पीये, ब्रश रात को करके सोये
जब हम रात भर सोते है तो हमारे मुह में बनने वाली राल हमारे मुह में जमती रहती है और वो राल हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होती है ,आयुर्वेद में ये कहा गया है के जो लोग सुबह बिना कुल्ला किये एक ग्लास पानी पी लेते है उन्हें कब्ज और पेट की कई बीमारियों से निजात मिल जाती है ,जिन्हें एसिड बनता हो वो इस प्रयोग को जरुर करें
एक महत्व पूर्ण प्रयोग
==============
पानी को हल्का गर्म करके पीये और बहुत ही छोटी घूंट भरे ,हर घूंट को आधा मिनट मुह में रखें और उसे मुह में धुमाते रहें ,ऐसा करने से हर घूंट के साथ काफी मात्र में लार बनकर हमारे पेट में पहुंचेगी ,यदि हम एक ग्लास पानी भी इस तरह पी लेगें तो अनेक गम्भीर बिमारिओं से बचेगे,इस प्रयोग से मोटापा भी कम होता है
अपने बच्चों को ऐसे पानी पीने की आदत डाले ,
पानी को कभी भी खड़े होकर न पीये ,खड़े होकर पानी पीने वालों को कमर ,कंधे और रीढ़ की हड्डी की बीमारी अधिक होती है ,यदि कभी खड़े होकर पानी पीना भी पड़े तो जब तक पानी पिए पंजों के बल खड़े रहे
पीने का पानी स्वच्छ होने के साथ में ताज़ा भी होना चाहिए ,यानी के बहुत दिनों से भर कर रखे गए पानी को नहीं पीना चाहिए ,और यदि पीना पड़ भी जाये तो दो ग्लास ले और एक गिलास से दुसरे ग्लास में ऐसे पलटे पानी को जैसे दूध ठंडा करने के लिए पलटते है ,उससे पानी हवा के सम्पर्क में आएगा और आक्सीजन उस में मिलेगी जिससे उस का गुण बड़ेगा
सुबह उठकर एक गिलास पानी जरुर पीये और बिना ब्रश किये पीये, ब्रश रात को करके सोये
जब हम रात भर सोते है तो हमारे मुह में बनने वाली राल हमारे मुह में जमती रहती है और वो राल हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होती है ,आयुर्वेद में ये कहा गया है के जो लोग सुबह बिना कुल्ला किये एक ग्लास पानी पी लेते है उन्हें कब्ज और पेट की कई बीमारियों से निजात मिल जाती है ,जिन्हें एसिड बनता हो वो इस प्रयोग को जरुर करें
एक महत्व पूर्ण प्रयोग
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पानी को हल्का गर्म करके पीये और बहुत ही छोटी घूंट भरे ,हर घूंट को आधा मिनट मुह में रखें और उसे मुह में धुमाते रहें ,ऐसा करने से हर घूंट के साथ काफी मात्र में लार बनकर हमारे पेट में पहुंचेगी ,यदि हम एक ग्लास पानी भी इस तरह पी लेगें तो अनेक गम्भीर बिमारिओं से बचेगे,इस प्रयोग से मोटापा भी कम होता है
अपने बच्चों को ऐसे पानी पीने की आदत डाले ,
पानी को कभी भी खड़े होकर न पीये ,खड़े होकर पानी पीने वालों को कमर ,कंधे और रीढ़ की हड्डी की बीमारी अधिक होती है ,यदि कभी खड़े होकर पानी पीना भी पड़े तो जब तक पानी पिए पंजों के बल खड़े रहे
शनिवार, 24 मार्च 2012
हरी मिर्च
हरी मिर्च का नाम सुनते ही कुछ लोगों को उस का तीखापन याद करके पसीने आ जाते है तो कुछ के मुंह में पानी
हरी मिर्च को यदि तरीके से खाया जाए यानी की उचित मात्र में खाया जाये तो वो औषधि का भी काम करती है आइये जानते है कैसे
गर्मी के दिनों में यदि हम खाने के साथ हरी मिर्च खाए और फिर घर से बाहरजाए तो कभी भी लू नहीं लग सकती !
खून में हेमोग्लोबिन की कमी होने पर रोजाना खाने के साथ हरी मिर्च खाए कुछ ही दिन में आराम मिल जायेगा
मिर्च में अमीनो एसिड, एस्कार्बिक एसिड, फोलिक एसिड, सिट्रीक एसिड, ग्लीसरिक एसिड, मैलिक एसिड जैसे कई तत्व होते है जो हमारे स्वास्थ के साथ – साथ शरीर की त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होता है
मिर्च के सेवन से भूखं कम लगती है और बार बार खाने की इच्छा नहीं होती जिससे वजन बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।
लाल मिर्च में भी औषधीय गुण होते है किन्तु हरी मिर्च सेहत के लिए अधिक लाभकारी है
खाने के साथ,चटनी में या हरी मिर्च का अचार बना कर हम इस का उपयोग कर सकते है
मिर्च का अचार तो लगभग सब ने ही खाया होगा किन्तु मिर्च के रायता के बारे में कम ही लोग जानते होगे आइये बनाते है मिर्च का रायता
सामग्री :
200 ग्राम दही, 8-10 हरी मिर्च, नमक( स्वाद अनुसार ),
1 छोटा चम्मच राई (पिसी हुई)
हरी मिर्च को यदि तरीके से खाया जाए यानी की उचित मात्र में खाया जाये तो वो औषधि का भी काम करती है आइये जानते है कैसे
गर्मी के दिनों में यदि हम खाने के साथ हरी मिर्च खाए और फिर घर से बाहरजाए तो कभी भी लू नहीं लग सकती !
खून में हेमोग्लोबिन की कमी होने पर रोजाना खाने के साथ हरी मिर्च खाए कुछ ही दिन में आराम मिल जायेगा
मिर्च में अमीनो एसिड, एस्कार्बिक एसिड, फोलिक एसिड, सिट्रीक एसिड, ग्लीसरिक एसिड, मैलिक एसिड जैसे कई तत्व होते है जो हमारे स्वास्थ के साथ – साथ शरीर की त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होता है
मिर्च के सेवन से भूखं कम लगती है और बार बार खाने की इच्छा नहीं होती जिससे वजन बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।
लाल मिर्च में भी औषधीय गुण होते है किन्तु हरी मिर्च सेहत के लिए अधिक लाभकारी है
खाने के साथ,चटनी में या हरी मिर्च का अचार बना कर हम इस का उपयोग कर सकते है
मिर्च का अचार तो लगभग सब ने ही खाया होगा किन्तु मिर्च के रायता के बारे में कम ही लोग जानते होगे आइये बनाते है मिर्च का रायता
सामग्री :
200 ग्राम दही, 8-10 हरी मिर्च, नमक( स्वाद अनुसार ),
1 छोटा चम्मच राई (पिसी हुई)
विधि : हरी मिर्चों को उबालकर पानी से निकालकर पेस्ट बना लें। दही में आधा टी स्पून नमक डालकर अच्छी तरह फेंट लें। फेंटी हुई दही में हरी मिर्च का पेस्ट और राई पाउडर को अच्छी तरह मिलाकर सर्व करें। (दही में मिर्च का तीखापन कम हो जाता है और औषधीय गुण बरकरार रहते है) |
शुक्रवार, 16 मार्च 2012
धनिया
शायद ही ऐसा कोई भारतीय होगा जो धनिये के नाम से परिचित ना हो ,हम सब लोग ही सब्जी और चटनी में धनिये का उपयोग करते आये है धनिये के स्वाद से और इसकी महक से तो सब ही परिचित है ,आइये इसके गुणों पर भी एक नज़र डाल लेते है!
धनिये में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है !
फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, खनिज पदार्थ, जैसे- कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, थियामीन, पोटोशियम और विटामिन सी भी पाया जाता हैं।
धनिये की चटनी का नियमित उपयोग हमारी आँखों
के लिए बहुत ही लाभदायक है !
धनिया भूख बढ़ता है ,तथा इससे पाचनशक्ति मजबूत होती है !
धनिए को एंटी डायबिटीक प्लांट भी कहा जाता है।
थाईराइड सम्बन्धी किसी भी तरह के रोग में दवाओं के साथ-२ रोजाना हरे धनिये की चटनी बिना नमक-मिर्च के लगातार चार महीने तक सेवन करे ,( रोजाना २ चम्मच चटनी अवश्य खाएं )
शोध बताते है की मधुमेह (शुगर) में भी धनिये के उपयोग से काफी आराम मिलता है !
रोजाना धनिये (हरा धनिया ) का उपयोग करने वालों में किडनी की समस्या ना के बराबर होती है !
पेशाब संबंधी दिक्क्त में धनियां अधिक यूज़ करें ,पेशाब खुल कर आएगा ,और बार बार पेशाब जाने की दिक्क्त भी दूर होगी !
धनिया के सूखे बीज को पानी में उबाल कर छान लें और ठंडा करें। इस पानी को पीने से कोलेस्ट्राल कम करने में मदद मिलती है।
( धनिये को आप अनेक तरह से इस्तेमाल कर सकते है ,चटनी बनाएं ,सब्जी दाल में ऊपर से डालेँ !धनिये का पराठा बनाये या आलू के पराठे में ही धनिया डालेँ ,धनिये को रायते में डालेँ ! हर चीज का स्वाद बड़ा देता है धनियां )
जिन लोगों को एसिडिटी ( तेज़ाब ) बनती हो वे धनिएं को धो कर सुख लें और चूर्ण बना लें ,एक हिस्सा धनियां ,दो हिस्से मिश्री दाल कर सम्भल कर रखें जब भी एसिडिटी लगे ये चूर्ण आधा चम्मच ले लें !
जिन लोगों को नकसीर छुट जाती हो उन्हें हरे धनिये का काफी ज्यादा उपयोग करना चाहिए !
मासिक धर्म अधिक आने पर धनिया बीज को पानी में उबाल कर ,छान कर ठंडा कर ले और सुबह शाम पीये !
उम्मीद है धनिये के इतने सारे गुण जानने के बाद आप सब नियमित रूप से धनिये का उपयोग करेगे......
सोमवार, 12 मार्च 2012
जीरा
जीरा वैसे तो रसोई में काम आने वाला एक साधारण सा मसाला है ,
लेकिन इस के गुण जानकर आप इसे साधारण नहीं कह पायेगे
अपच ,पेट फूलना ,भोजन में अरुचि में जीरे का सेवन लाभदायक होता है !
बवासीर में जीरे को मिश्री के साथ खाने से कुछ आराम मिलता है
जीरा कृमिनाशक भी है !
डायबिटीज- ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आघा छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ पीएं। डायबिटीज रोगियों को यह काफी फायदा पहुंचाता है।
नींद न आने यानि अनिद्रा का रोग होने पर आधा चम्मच भुना जीरा एक पके केले के साथ खाए
अनीमिया के शिकार व्यक्ति को २ चुटकी जीरा सादे पानी के साथ देने से आराम मिलता है ,९० दिन इस का प्रयोग अवश्य करें
छाछ में भुना जीरा ,पीसी काली मिर्च और काला नमक बुरक कर रोजाना सेवन करने वाले इंसान को पेट का कोई रोग नहीं सताता ,पाचन शक्ति एकदम दुरुस्त रहती है ,पेट के कृमि भी मर जाते है
जीरे में कैंसर की रोकथाम करने की शक्ति है।
पानी में जीरा डालकर उबालें,ठंडा करें। इस पानी से मुंह धोने से चेहरा साफ और चमकदार होता है।जीरा डाल कर उबाले हुए पानी से स्नान करने पर शरीर की बदबू और खुजली से भी छुटकारा मिलता है
महिलाओं के लिए विशेष
=================
प्रसूति के बाद जीरे के सेवन से गर्भाशय की शुद्धि होती है
यदि प्रसूति के बाद शिशु के लिए पर्याप्त दूध न बन रहा हो तो बहुत
कारगर उपाय है के २५० ग्राम जीरे और १०० ग्राम मिश्री को बारीक पीस लें आधा-२ चम्मच
सुबह शाम दूध के साथ पिए तो शिशु के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध बनने लगेगा
महिलाओं में श्वेत प्रदर की शिकायत आम बात है ,इस के लिए २ चुटकी जीरा दिन में २ बार खूब चबा कर खाए , ७ दिन इस प्रयोग को जारी रखें
======================================================
कहिये बदल गयी ना,जीरे के बारे में आप की राय :) :)
लेकिन इस के गुण जानकर आप इसे साधारण नहीं कह पायेगे
अपच ,पेट फूलना ,भोजन में अरुचि में जीरे का सेवन लाभदायक होता है !
बवासीर में जीरे को मिश्री के साथ खाने से कुछ आराम मिलता है
जीरा कृमिनाशक भी है !
डायबिटीज- ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आघा छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ पीएं। डायबिटीज रोगियों को यह काफी फायदा पहुंचाता है।
नींद न आने यानि अनिद्रा का रोग होने पर आधा चम्मच भुना जीरा एक पके केले के साथ खाए
अनीमिया के शिकार व्यक्ति को २ चुटकी जीरा सादे पानी के साथ देने से आराम मिलता है ,९० दिन इस का प्रयोग अवश्य करें
छाछ में भुना जीरा ,पीसी काली मिर्च और काला नमक बुरक कर रोजाना सेवन करने वाले इंसान को पेट का कोई रोग नहीं सताता ,पाचन शक्ति एकदम दुरुस्त रहती है ,पेट के कृमि भी मर जाते है
जीरे में कैंसर की रोकथाम करने की शक्ति है।
पानी में जीरा डालकर उबालें,ठंडा करें। इस पानी से मुंह धोने से चेहरा साफ और चमकदार होता है।जीरा डाल कर उबाले हुए पानी से स्नान करने पर शरीर की बदबू और खुजली से भी छुटकारा मिलता है
महिलाओं के लिए विशेष
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प्रसूति के बाद जीरे के सेवन से गर्भाशय की शुद्धि होती है
यदि प्रसूति के बाद शिशु के लिए पर्याप्त दूध न बन रहा हो तो बहुत
कारगर उपाय है के २५० ग्राम जीरे और १०० ग्राम मिश्री को बारीक पीस लें आधा-२ चम्मच
सुबह शाम दूध के साथ पिए तो शिशु के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध बनने लगेगा
महिलाओं में श्वेत प्रदर की शिकायत आम बात है ,इस के लिए २ चुटकी जीरा दिन में २ बार खूब चबा कर खाए , ७ दिन इस प्रयोग को जारी रखें
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कहिये बदल गयी ना,जीरे के बारे में आप की राय :) :)
शनिवार, 10 मार्च 2012
मुलेठी
मुलेठी का प्रयोग न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर और छोटी आंत के प्रारम्भिक भाग ड्यूओडनल अल्सर में भी लाभ होता है।
ये एक प्रकार की एंटीबायोटिक भी है इसमें बैक्टिरिया से लड़ने की क्षमता पाई जाती है। यह शरीर के अन्दरूनी चोटो में भी लाभदायक होती है।
मुलेठी खासी, गले की खराश, उदरशूल क्षयरोग, श्वासनली की सूजन आदि के इलाज में भी उपयोगी है।
मुलेठी के चूर्ण से आँखों की शक्ति भी बढ़ती है सुबह तीन या चार ग्राम खाना चाहिये।
यदि भूख न लगती हो तो एक छोटा टुकड़ा मुलेठी कुछ देर चूसे, दिन में ३,४, बार इस प्रक्रिया को दोहरा ले ,भूख खुल जाएगी
(मुलेठी का चूर्ण भी इस्तेमाल किया जा सकता है )
जिन लोगों को अल्सर हो उन के लिए तो मुलेठी वरदान है,कुछ दिन लगातार इस का उपयोग करें !
कोई भी समस्या न हो तो भी कभी-2 मुलेठी का सेवन कर लेना चाहिए आँतों के अल्सर ,कैंसर का खतरा कम हो जाता है तथा पाचनक्रिया भी एकदम ठीक रहती है
तो देर किस बात की मुलेठी को भी अपनी रसोई का एक सदस्य बना लीजिये!
बीमारी में ,बुखार में कई बार तेज़ एंटीबॉयटिक खानी पड़ जाती है ,जो की लीवर और किडनी के लिए काफी हानिकारक होती है ,यदि इन दवाओं के साथ साथ सुबह -शाम मुलेठी का उबला हुआ पानी चाय की तरह पिया जाये हो हानि होने से बच जाती है ,दवाओं के असर से जो कमजोरी आ जाती है वो भी इससे दूर होती है और ये भूख जगाने में भी सहायक होती है ,2 कप पानी में एक टुकड़ा मुलेठी का डाल कर उबालें ,आधा रह जाये तो हल्का गर्म ही पी ले ,गर्मी और सर्दी दोनों मुस्म में इसका उपयोग किया जा सकता है ,मुलेठी से कभी कोई हानि नहीं पहुचती ,बिना चिंता के इसका इस्तेमाल किया जा सकता है !
सोमवार, 5 मार्च 2012
आंवले की चटनी
आंवले के गुणों के बारे में यदि लिखा जाए तो सुबह से शाम हो जाए ,इसलिए बहुत कुछ न लिख कर सार ही लिखने की कोशिश करुँगी,आंवले को अमृत फल कहा जाता है,ये बढती उम्र के लक्षणों को कम करता है इस कारण इसे रसायन भी माना गया है ,इस में आयरन और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है बालों के लिए ,पेट के लिए,दिमाग के लिए, आँखों के लिए आंवला बहुत ही हितकारी है लेकिन इसके खट्टेपण और कैसेले स्वाद के कारण इसे खाना बड़ा मुश्किल हो जाता है वैसे तो आंवले को अचार, मुरब्बे ,सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है पर आज मैं आप को सब से सरल तरीका बताना चाहती हूँ इसे खाने का, जिससे ये खाने में भी स्वादिष्ट लगे और इसके गुण भी कम नष्ट हो और बनाने में वक्त भी कम लगे.
आंवले की चटनी
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आंवले की चटनी बेहद स्वादिष्ट होती है ,इसे बनाने में १० मिनट लगते है ,आंवले में यदि अदरक को मिला कर पिसा जाये तो इसका कसैलापन खत्म हो जाता है
सामग्री
१ ५० ग्राम आंवला
४,या ५ हरी मिर्च
२ कली लहसुन की
थोडा सा हरा धनिया
२ मध्यम आकार के प्याज़
१ गड्डी पोदीना
आधा चम्म्च जीरा
एक छोटा टुकड़ा अदरक
नमक स्वाद अनुसार
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विधि
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आंवलों को धो कर काट लें, और बाकि सब सामग्री के साथ मिक्सी में डाल कर पीस लें ,जैसे
अन्य चटनियाँ बनती है , ये चटनी बहुत ही स्वादिष्ट और गुणों से भरपूर होती है,तो देर किस
बात की आज ही आंवले लाइए और परिवार के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक और
कदम बढाइये , और हाँ बताना न भूलियेगा के चटनी स्वादिष्ट बनी या नहीं :)
रविवार, 4 मार्च 2012
प्याज़
प्याज़ हमारे भोजन का एक मुख्य अंग है इसे लगभग हर एक सब्जी में इस्तेमाल किया जाता है ,प्याज़ को सलाद के रूप में भी खाया जाता ,गर्मियों में प्याज़ खाने से लू लगने का खतरा नहीं रहता ,प्याज़ खाने से हमारी पाचन शक्ति मजबूत होती है
जब प्याज़ को कच्चा खाया जाये तो एक विशेष बात का ध्यान रखना चाहिए के प्याज़ छोटा हो ,इसका कारण ये है के प्याज़ की हर एक परत में एक पारदर्शी झिल्ली होती है , जिसे पचा पाना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन छोटे प्याज़ में वो काफी मुलायम होती है जो की आसानी से पचाई जा सकती है और उस से हमारे पाचन संस्थान को कोई हानि नहीं पहुँचती.इस लिए हमेशा कोशिश करनी चाहिए के कच्चा प्याज़ जब भी खाया जाये छोटा प्याज़ ही इस्तेमाल में लिया जाए , मैं हमेशा खाने के लिए प्याज़ अलग से ही खरीदती हूँ जो की काफी छोटे होते है.
प्याज़ के अन्य उपयोग
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एक चम्मच शहद में प्याज़ के रस की कुछ बूंदें डाल कर खाने से नजला ठीक होता है
प्याज़ का एक चम्मच रस दिन में तीन बार तीन महीने लगातार पीने से पथरी गल कर निकल जाती है
प्याज़ का रस फोड़े फुंसियों पर लगाने से वो शीघ्र ठीक हो जाते है
हवा से शीघ्र फैलने वाले रोग (contageous disease ) में प्याज़ को आस पास काट कर या घर के दरवाज़े पर लटका कर रखना चाहिए ,इसकी महक से कीटाणुओं का नाश होता है!
जब भी जुकाम हो जाये प्याज को काटकर ३ बार ,१० ,१० मिनट तक सूंघें ,जुकाम के कीटाणु का नाश होगा !
खाने के साथ प्याज ( छोटे प्याज ) जरूर खाएं ! खाने से १० मिनट पहले प्याज काटकर निम्बू और नमक ड़ालकर रख लें , या सिरके में ड़ालकर खाएं , टमाटर खीरे के सलाद के साथ या फिर ऐसे खाएं ,ये चीजें हर गृहणी को याद रखनी चाहिए के भोजन कई छोटी छोटी चीजों को मिला कर बनता है पर हर चीज का अपना महत्व होता है , शरीर के लिए बहुत जरूरी होती है ये चीजें !
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हरी प्याज
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स्प्रिंग अनियन, एक बहुत लोकप्रिय सब्जी है और ये कई किस्मों जैसे - सफेद, पीली और लाल में पैदा होती है। ये प्याज, स्वाद में बहुत अच्छे होते है और इनमें पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में होते है। काफी लंबे समय से, स्प्रिंग प्याज का इस्तेमाल चाइनीज दवाईयों में किया जाता है। इस प्याज में सल्फर भी ज्यादा मात्रा में होता है। सल्फर की ज्यादा मात्रा, शरीर के लिए लाभप्रद होती है। इस तरह के प्याज कैलोरी में लो होते है। स्प्रिंग प्याज को हरा प्याज भी कहा जाता है।
हरा प्याज, विटामिन सी, विटामिन बी2 और थियामाईन से भरपूर होता है। इसमें विटामिन ए और विटामिन के भी होता है। इसके अलावा, यह कॉपर, फास्फोरस, मैग्निशयम, पौटेशियम, क्रोमियम, मैंगनीज और फाइबर का भी अच्छा स्त्रोत होता है। हरा प्याज, फ्लैवोनॉड्स जैसे - कैवेरसेटिन का भी मजबूत स्त्रोत होता है।
विशेष :- यदि आप के बाल झड़ते हों तो एक महीने तक ये प्रयोग जरूर जरूर आजमायें ! 2 प्याज को घिस कर निचोड़ लें उस रस में रुई भिगो कर बालों की जड़ों में धीरे धीरे लगाइये ,बालों की जड़ों में अच्छी तरह लग जाये तो २,३ घण्टे बाद सर को धो कर साफ़ कर लें ,एक महीने तक ये प्रयोग जरूर करें बाल झड़ने बंद हो जायेगे ,बाल लम्बे करने के लिए भी ये प्रयोग काफी काम करता है ,बस एक दिक्क्त है के प्याज की बदबू सर से जाती नहीं है ,पर कोई बात नहीं एक महीने झेल लें :) बाल झड़ रहे तो बंद हो जायेगे ,जो झड़ चुकें है उनमे से भी काफी वापस आ जायेगे , प्रयोग शुरू करने से पहले फोटो जरूर निकाल लें आप को समझने में सहायता मिलेगी के पहले कितने बाल थे और बाद में कितने आ गए
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