हमारे स्वास्थ्य में रसोई का विशेष योगदान होता है ,यदि रसोई में मौजूद मसालों और अन्य खाद्य पदार्थों का सही मात्रा और उचित उपयोग किया जाए तो ,बढ़िया स्वाद के साथ बढिया स्वास्थ्य भी प्राप्त किया जा सकता है

रविवार, 24 नवंबर 2013

जीरा-जल

जीरा जल अनीमिया को दूर करता है ,महिलाओं में स्फूर्ति बनाये रखने में सहायक है ,बढ़ते बच्चों के  हेल्थ -टॉनिक का काम करता है , पचाने में सहायता करता है, वात -कफ -पित  को बैलेंस करता है !

सप्ताह में दो बार जीरा- जल का उपयोग अवश्य करें !


विधि :- एक लीटर पानी में एक चम्म्च जीरा डाले ,धीमी आंच पर उबाले ,आधा कप रह जाये तो आंच बंद कर दें ,हल्का गर्म या ठंडा करके पीयें !

शनिवार, 16 नवंबर 2013

खाने के बाद मीठा

जिन भी  मित्रों  खाने के बाद मीठा खाने  है वे सावधान हो जाये !
खाना खाने के बाद मीठा खाने से वो मीठा हमारी पेंक्रियास को हानि पहुचता है ,
कारण ये है के जब तक सब खाना पच न जाये उसे( मीठे पदार्थ को) छोटी आंत में जाने   का रास्ता नहीं मिल पाता
इस के फल स्वरूप वो मीठा वहीं पड़ा  सड़ता है उससे  पेंक्रियास कमजोर पड़ती है और डाइबिटीज होने कि सम्भावना बढ़ती है !

आयुर्वेद में स्प्ष्ट कहा गया है के मीठे पदार्थ खाने के शुरू में ही खाने चाहिए ,हाल ही में हुई रिसर्च  इस बात को सौ फीसदी साबित कर दिया के आयुर्वेद  में कही बात सत्य है !खाने के बाद मीठा लेने का रिवाज अंग्रेजों ने शुरू किया  हम सब ने अपना लिया यदि आप अपने स्वास्थ्य  के प्रति जागरूक है तो इस आदत को बदलिए !




गुरुवार, 24 अक्तूबर 2013

मोटापा बढ़ता क्यों है?



मोटापा कम करने के हजारों उपाय आप ने पढ़े -सुने होंगें पर सब से सरल उपाय  है ये जानना के मोटापा बढ़ता क्यों है,मेडिकल की भाषा में समझे तो आवश्यकता से अधिक कैलेरी   लेने के कारण मोटापा बढने लगता है,जो व्यक्ति baithe रहते है अधिक काम नहीं karte और जिनकी aayu  बढ़ गईहै उन्हें दिन मे१२०० से लेकर १५०० कैलेरी की आवश्कता होती है,अधिक भागदोड़ करने वालेलोगों को ,बच्चों को,नवयुवको  को२००० से २५०० कैलेरी  की आवश्यकता होती है ,आइये  अब जानते है किस चीज में कितनी कैलेरी  होती है

सामान्य आकार की रोटी =  लगभग १०० कैलेरी
एक कटोरी  दाल/सब्जी  =    "        १०० कैलेरी
एक कप  चाय               =    "       १००  कैलेरी
एक कप काफी              =    "        २००  कैलेरी
 एक कटोरी पनीर की  या अधिक  आयल में बनी कोई भी  सब्जी                         =   "        ३०० से ५०० कैलेरी
एक कटोरी खीर            =  "        ५०० से  ६०० कैलेरी
एक समोसा /कचोरी       =  "        २०० से २५० कैलेरी
सेब/ संतरा/ अमरुद/ सामान्य आकार का १०० कैलेरी
केला १५० से२०० कैलेरी
बीन्स फली की सब्जी एक कटोरी ६० कैलेरी
एक कटोरी (सामान्य आकार) चावल १०० से १५० कैलेरी
१०० ग्राम  बिस्किट या नमकीन ४०० से ५०० कैलेरी
पूरी छोले की एक प्लेट ५०० से ६०० कैलेरी
हरा सलाद एक प्लेट १०० से १५० कैलेरी

इस प्रकार आप हिसाब लगा सकते है के आप ने दिन  भर में कितनी कैलेरी खाई  है अगर आप का वजन बढ़ गया है तो १२०० से१५०० तक कैलेरी खाइए हर महीने आप का वजन २ किलो तक कम हो जायेगा (खुद आजमाया हुआ नुस्खा ,निश्चिन्त रहें वजन जरुर कम होगा   :) वजन कम हो तो बताइयेगा जरुर )  विशेष =सुबह शाम  आधा घंटा सैर  करने जरुर जाएँ

  (अवन्ती सिंह )

सोमवार, 17 जून 2013

पक्की और सच्ची सहेलियाँ है हल्दी और काली मिर्च

कुछ दिन पहले एक  वैज्ञानिक का इंटरव्यू देखा   दूरदर्शन पर काफी जानकारी मिली एक विशेष बात आज बाकि फिर कभी ,हल्दी का उपयोग अवश्य करना चाहिए और हम सब करते भी है इस में केन्सर विरोधी तत्व पाए जाते है किन्तु उस तत्व को हमारा शरीर अधिक इस्तेमाल  नहीं कर पाता मल = मूत्र के माध्यम से बाहर निकाल  देता है
कितु   काली मिर्च और हल्दी का साथ उस तत्व को हमारे शरीर में रोकता है और हम केन्सर से बचे रह सकते है ,ये प्राचीन जानकारी है जो रिसर्च से पता चली है ,   अब से भोजन में हल्दी के साथ काली  मिर्च अवश्य डाले .....

शुक्रवार, 15 मार्च 2013

कहीं आपका परिवार कुपोषण का शिकार तो नहीं


एक गृहिणी होने के नाते हमारा ये कर्तव्य है के हम ध्यान रखें के हमारे परिवार को उचित पोषक तत्व मिल पा रहे है या नहीं ,कहीं हमारे परिवार के सदस्य कुपोषण के शिकार तो नहीं हो रहे ,ये एक भ्रान्ति है के गरीब लोग ही कुपोषण का शिकार होते है यदि ध्यान से देखा जाए तो सब सुख सुविधाओ से परिपूर्ण घरों में भी कुपोषित सदस्य मिल जाते है ,क्या हम अधिक पैसे खर्च करके भी अपने परिवार को वो भोजन तो नहीं परोस रहे जिस में पोस्क तत्वों की कमी है आइये जानते है इस बारे में :-

बीते हुये  माह के भोजन की सूचि बनाइए (जितना याद आ सके )
उन सब ही खाद्य पदार्थों के पोषक तत्वों के बारे में उन के सामने लिखिए और विश्लेष्ण कीजिये के आप ने कितने दिन अपने परिवार को पोषक तत्वों से भरपूर भोजन दिया आप ने !

 भोजन में क्या खाया जाये जिस से  शरीर को सब ही पोषक तत्व मिल सके 
आइये इस के लिए भी एक लिस्ट बनाते है 
आटा 
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जहाँ तक हो सके आटा ताज़ा पिसा ही लेना चाहिए 
हम लोग अक्सर बड़े बड़े नाम वाली कम्पनियों का महँगा  आटा खरीद कर ले  है ये सोच कर के 
ये आटा हमारे परिवार के लिए अच्छा होगा  पर असल में ऐसा होता नहीं है ,पहली बात तो ये के आटा जितना पुराना होता है उस में पोषक तत्व उतने ही कम होते जाते है ये ही कारण  था के पहले घर में हाथ की चक्की से आटा सुबह पिसा जाता था और शाम तक खत्म कर लिया जाता था ,दुसरे दिन के लिए फिर दूसरी सुबह ही आटा  पिसा जाता था ,अब ये तो संभव नहीं है किन्तु हमे प्रयास करना चाहिए के आटा एक सप्ताह या १ दिन से ज्यादा पुराना न हो बेहतर ये ही रहेगा के खुद जाकर चक्की से आता पिसवा कर लाये  उस में गेंहूँ के साथ थोडा चना और जौ भी जरुर डाले इन दोनों की मात्रा १ ० किलो आटे में आधा किलो काले चने और आधा किलो जौ  ही रखनी चाहिए ज्यादा होने पर स्वाद में फर्क आ जाता है और रोटी का स्वाद बदल जाता है ,आटे का बुर बिलकुल भी नहीं निकलना चाहिए बुर में ही  अधिक पोषक  तत्व होते है ( बाजार में पैकेट में मिलने वाले आटे  का बुर भी निकल लिया जाता है जो की दवाइयां बनाने में काम आता है !

सब्जियाँ 
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आइये अब देखते है के कौन कौन सी सब्जियां हमे निरंतर इस्तेमाल करते रहना चाहिए पोषक तत्व पाने के लिए 
मौसम में मिलने वाली लगभग हर सब्जी हमे खानी चाहिए ,कुछ घरों में देखा गया है बच्चे आलू की ही सब्जी खाते है या कोई विशेष दाल ही खाते है ,हरी सब्जियां बिलकुल नहीं खाते , ये गलत है सहज बाव से बच्चों को रोज बताते रहना चाहिए ले शरीर  को पोषक तत्वों की जरूरत होती है और वो भोजन से ही मिलती है,थोडा कम खा लें किन्तु हर सब्जी खानी चाहिए 
 सप्ताह  में एक दिन पालक अवश्य बनाये ,ये हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्क है यदि ऐसा न कर पाए तो विकल्प के तौर पर मेथी /सरसों /चौलाई या कोई अन्य  हरे पत्तों वाली सब्जी सप्ताह में एक बार अवश्य खाए 
घिया या तौरी भी सप्ताह में एक बार जरुर खानी चाहिए 
भिड़ी और सीताफल (पेठा ) हमारी आँतों की सफाई भी करते है और केल्शियम के भी अच्छे स्रोत है इस लिए सप्ताह में एक बार अवश्य खाए 

चटनियाँ और सलाद 
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भोजन में इन का समावेश अत्यंत आवश्क है ,इन्हें कभी भी न भूलें 
खाने के साथ प्याज /टमाटर /चकुंदर /खीरा /ककड़ी /मुली इन में से कोई भी दो चीजे अवश्य हों,यदि  नहीं तो समझ लें के आप के परिवार को पोषक तत्वों के एक बहुत ही अच्छे स्रोत से वंचित रहना पड़ गया है 
सप्ताह में एक दिन धनियाँ की चटनी ,एक दिन पुदीने की चटनी और एक दिन नारियल की चटनी अवश्य दे 
ध्यान दें निम्बू,ईमली ,टमाटर ,और आम इन  में से कोई भी एक ही खटाई एक बार में इस्तेमाल करें दो खटाई 
एक साथ खाने से वे धीमे जहर का काम करती है और कई रोग पैदा करती है 
दालें 
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छिलके वाली दालें  अवश्य खाए ,अगर हो सके तो एक वक्त सब्जी और एक वक्त दाल खानी चाहिए ,एक ही दाल को पुरे सप्ताह न दोहराए बल्कि रोजाना अलग अलग दाल खाए ,जैसे एक दिन अरहर ,एक दिन मुंग एक दिन मसूर ,,कभी सब दालें  मिक्स करके भी बनाये इस कर्म को दोहराते रहने से शरीर को सब ही पोषक तत्व सही मात्रा  मिल जाते है राजमा,उरद कम ही खाने चाहिए 

नमक 
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पहले एक डली वाला नमक (साबुत नमक ) आता था,अब भी मिल जाता है पर थोडा खोजना पड़ता है बाजार में 
इस का प्रयोग दाल और सब्जी में किया जा सकता है इस से हमे काफी मिनरल्स मिलते है जो की नमक  को पिसे जाने पर नष्ट हो जाते है ,किन्तु पिसे नमक में आयोडिंन मिलाया जाता है वो भी हमारे शरीर के लिए जरुर है इस लिए दोनों ही प्रकार के नमक का उपयोग करें यदि महीने में २ किलो नमक इस्तेमाल  होता है टी एक किलो पिसा नमक  और एक किलो साबुत नमक लेंऔर काला नमक तथा सेन्दा(लाहोरी ) नमक भी कभी कभी खाते रहना चाहिए  इसे हम सलाद या रायते में डाल  सकते है( इन में अलग प्रकार के नमक मिलते है जो सादे नमक में नहीं होते  ! 

खाने के बाद लिए जाने वाले पदार्थ जैसे सौफ,इलायची या मिश्री भी पोषक तत्वों से भरपुर होती है इसलिए इन का भी इस्तेमाल अवश्य करें !

दही और दूध भी उचित मात्रा  में जरुर उपयोग करें दही के रायते  में प्याज या निम्बू या टमाटर नहीं डाले 

पिजा और मैगी /नूडल्स से हमारे शरीर को कोई पोषक तत्व नहीं मिलते ,इन का प्रयोग कम से कम करें 
खाना जितना ताज़ा होता है उतना ही पोष्टिक होता है बासा  खाना सिर्फ पेट भरता है उस से शरीर को पोषक तत्व नहीं मिलते !

खाना बनाने के तेल 
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सरसों का तेल  सब से अच्छा  होता है खाना बनाने के लिए ,पर सब ही पोषक तत्व मिले इस के लिए जरूरी है कई प्रकार के तेल इस्तेमाल किये जाए जैसे :- यदि हर माह आप पाँच लिटर तेल उपयोग करती है खाना बनाने में तो ३ लिटर सरसों का तेल २ लिटर सोयाबीन या कोई अन्य तेल जैसे राईस ब्रान आयल ,तिल  का तेल ,नारियल का तेल ,कहने का अभिप्राय ये है के कई प्रकार के तेल खाने में इस्तेमाल करने चाहिए सूरजमुखी का तेल भी ले सकते है किन्तु से पचने में थोडा भारी  होता है जो लोग इसे पचा पाते  हों उन्हें ही इसे इस्तेमाल 
करना चाहिए! 
 देशी घी 
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आजकल घी से बहुत डराया जाता है ,फेट होता है शरीर के लिए नुक्सान दायक है इत्यादि किन्तु ये आधा सच है ये शरीर  के लिए नुकसानदायक तब है जब हम में फेट की मात्रा अधिक हो किन्तु बच्चों के बढ़ते  शरीर को फेट की एक उचित मात्रा  की जरुर होती है जो घी से पूरी की जा सकती है ,रोटी में लगा कर ,आटे का हलवा या किसी अन्य पदार्थ में डालकर घी उचित मात्र में बच्चो को अवश्य दें हाँ एक उम्र के बाद इस का इस्तेमाल सोच समझ कर बहुत कम मात्रा  में करें 

उपर दिए गए लेख से अपने खाने की तुलना करने पर आप समझ जाएगी के आप अपने परिवार को उचित और सही पोषक तत्व दे पा रही है या नहीं यदि आप अपने भोजन में इन सब पदार्थों का समावेश करती है तो बधाई ,आप एक सुघड़ गृहणी है और अपने परिवार को सही पोष्टिक भोजन दे कर सही पोषित कर रही है यदि ऐसा नहीं है तो निराश न हों और  से ही अपने भोजन में इन सब  का उचित समावेश कीजिये और अपने परिवार को कुपोषित होने से  बचायें ! 



(अवन्ती सिंह )




सोमवार, 18 फ़रवरी 2013

खट्टे पदार्थ



हम लोगों के यहाँ यानि भारत में  पहले जो भोजन बनाया जाता था वो आयुर्वेद की दृष्टि से स्वास्थ के लिए हितकर था और शरीर के लिए उत्तम था किन्तु जब से हम लोगों के भोजन पर पाश्चात्य देशों में बनाये जाने वाले भोजन का असर आने लगा है हम लोग भोजन की गुण धर्मिता  के बारे में भूलने लगे है कुछ पदार्थ एक दुसरे के साथ नहीं खाए जा सकते जैसे दूध और मुली ,प्याज  और दूध इस के बारे में हम सब जानते है किन्तु आयुर्वेद में किसी भी खटाई को एक साथ खाना भी मना है इस बारे में लोगों की जानकारी कम है पहले नानी या दादी इस बारे में कहा करती थी पर अब लगभग ये ज्ञान विलुप्त हो चुका  है,कुछ ही लोग इस बारे में जानते है !

निम्बू ,टमाटर ,इमली और आम और दही  ये मुख्य  खट्टे पदार्थ है जिन्हें   हम अपने भोजन को खटास देने के लिए उपयोग में लाते है इन में से किसी भी पदार्थ को एक साथ उपयोग में लेन पर ये धीमे जहर का काम करते है और हमारे शरीर में कई रोग भी उत्पन्न करते है इन का असर इतना धीमा होता है के हम जान भी नहीं पाते  के खाने विषमता के कारण  हम  रोग से ग्रसित हुए है हर कुशल गृहणी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए और इन में से किसी भी खटाई  का एक साथ उपयोग नहीं करना चाहिए और आने वाली पीढ़ी को भी ये जानकारी देनी चाहिए ,आजकल बाहर बनाये जाने वाले खानों में इस का ध्यान नहीं रखा जाता यहाँ तक के कई प्रसिद्ध कुकरी शो /किताबों में भी 2 या 3 तरह की खटाई  का एक साथ उपयोग दर्शाया जाता है ये बिलकुल गलत है और हानिकारक है  इस पर अमल करने  से बचे और अपने परिवार  के स्वास्थ्य की रक्षा करें