मुलेठी का प्रयोग न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर और छोटी आंत के प्रारम्भिक भाग ड्यूओडनल अल्सर में भी लाभ होता है।
ये एक प्रकार की एंटीबायोटिक भी है इसमें बैक्टिरिया से लड़ने की क्षमता पाई जाती है। यह शरीर के अन्दरूनी चोटो में भी लाभदायक होती है।
मुलेठी खासी, गले की खराश, उदरशूल क्षयरोग, श्वासनली की सूजन आदि के इलाज में भी उपयोगी है।
मुलेठी के चूर्ण से आँखों की शक्ति भी बढ़ती है सुबह तीन या चार ग्राम खाना चाहिये।
यदि भूख न लगती हो तो एक छोटा टुकड़ा मुलेठी कुछ देर चूसे, दिन में ३,४, बार इस प्रक्रिया को दोहरा ले ,भूख खुल जाएगी
(मुलेठी का चूर्ण भी इस्तेमाल किया जा सकता है )
जिन लोगों को अल्सर हो उन के लिए तो मुलेठी वरदान है,कुछ दिन लगातार इस का उपयोग करें !
कोई भी समस्या न हो तो भी कभी-2 मुलेठी का सेवन कर लेना चाहिए आँतों के अल्सर ,कैंसर का खतरा कम हो जाता है तथा पाचनक्रिया भी एकदम ठीक रहती है
तो देर किस बात की मुलेठी को भी अपनी रसोई का एक सदस्य बना लीजिये!
बीमारी में ,बुखार में कई बार तेज़ एंटीबॉयटिक खानी पड़ जाती है ,जो की लीवर और किडनी के लिए काफी हानिकारक होती है ,यदि इन दवाओं के साथ साथ सुबह -शाम मुलेठी का उबला हुआ पानी चाय की तरह पिया जाये हो हानि होने से बच जाती है ,दवाओं के असर से जो कमजोरी आ जाती है वो भी इससे दूर होती है और ये भूख जगाने में भी सहायक होती है ,2 कप पानी में एक टुकड़ा मुलेठी का डाल कर उबालें ,आधा रह जाये तो हल्का गर्म ही पी ले ,गर्मी और सर्दी दोनों मुस्म में इसका उपयोग किया जा सकता है ,मुलेठी से कभी कोई हानि नहीं पहुचती ,बिना चिंता के इसका इस्तेमाल किया जा सकता है !
बहुत ही उपयोगी जानकारी।
जवाब देंहटाएंसाड्र
बहुत बढ़िया जानकारी ...
जवाब देंहटाएंहमने तो बस इतना सुना था कि मुलैठी चबाने से स्वर मीठा हो जाता है...
:-)
शुक्रिया
jee bilkul sahi kaha aapne...mulethi bahut upyogi hai..ek sath kai bimariyon mein kargar
जवाब देंहटाएंमुलेठी इतनी कारगर है....पता ना था !! धन्यवाद अवन्तिजी
जवाब देंहटाएं........... bahut sunder jaankari mili...........
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी.....धन्यवाद
जवाब देंहटाएंvery nice post
जवाब देंहटाएंvaah maja aa gaya.
जवाब देंहटाएंvaah maja aa gaya.
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