हमारे स्वास्थ्य में रसोई का विशेष योगदान होता है ,यदि रसोई में मौजूद मसालों और अन्य खाद्य पदार्थों का सही मात्रा और उचित उपयोग किया जाए तो ,बढ़िया स्वाद के साथ बढिया स्वास्थ्य भी प्राप्त किया जा सकता है

मंगलवार, 5 मई 2015

मुलेठी


मुलेठी पर एक पोस्ट पहले भी डाल चुकी हूँ ,यदि इसके गन और उपयोग के बारें में विस्तार से जानना चाहें तो पुरानी पोस्ट देखें !

आज इसपर दोबारा लिखने का मेरा मकसद कुछ और है ,मुलेठी को गर्म पानी में कुछ देर उबाल कर एक बहुत अच्छा एनर्जी ड्रिक बनाया जा सकता है ,जो की गर्मी के दिनों में पीना बहुत ही अधिक फायदेमंद है !

साबुत मुलेठी का टुकड़ा लें ,इसे धो लें एक गिलास  सादा  पानी लेंकर उसमे दाल कर इसे उबाल लें जब तक के आधा न हो जाएँ ,ठंडा करें और पी लें, बर्फ भी डाल सकते है ,चाहें तो निम्बू भी मिला लें ,शिकंजी में मिला लें ,ग्रीन टी में मिला लें ,रूहअफजा में डाल  लें !

अगर साबुत मुलेठी न मिले तो मुलेठी पावडर ,आयुर्वेदिक दवाई की दूकान या पंसारी की दूकान में डिब्बाबंद मिल जाता है ,ये ज्यादा आसान भी है बनाना ,एक गिलास पानी उबलने रखें ,एक चौथाई चम्मच ,याने टी स्पून का चौथा हिस्सा पानी में डालें कुछ देर उबले और ठंडा या गर्म या फिर उप्र बताये किसी भी तरीके से इस्तेमाल करें !

ये काफी ठंडक प्रदान करता है !
एनर्जी देता है!
शरीर में ग्लूकोस की कमी को पूरा करता है !
टॉक्सिन ( विषैले द्रव्यों ) को शरीर से बाहर निकलता है !
आँखों की ज्योति पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है !
किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता पर डायबटीज के मरीज न लें ,शुगर बढ़  जायेगा !

घर में थक कर आएं सब ही सदस्यों को ये ड्रिक दें यदि कोई पसंद न करें तो शिकंजी में मिला कर दे दें

चाय की जगह एक कप गर्म मुलेठी का पानी पिए और सेहत को दुरुस्त रखें ! गर्मियों में लेमन या पोदीना की पट्टी साथ में डालें और सर्दियों में अदरक ,तुलसी -पत्र  या बेसल लिव या लेमन ग्रास और शहद इस तरह खुद ही अपनी पसंद की ग्रीन टी रेड़ी की जा सकती है !

मंगलवार, 24 मार्च 2015

स्वास्थ्य के राज़ रसोई में: प्याज़

स्वास्थ्य के राज़ रसोई में: प्याज़: प्याज़ हमारे भोजन का एक मुख्य अंग है इसे लगभग हर एक सब्जी में इस्तेमाल किया जाता है ,प्याज़ को सलाद के रूप में भी खाया जाता ,गर्मियों मे...

बुधवार, 18 फ़रवरी 2015

स्वाइन फ्लू ,या अन्य किसी प्रकार के फ्लू के लिए ये काढ़ा सहायक औषधि के रूप में काफी कारगर है



एक टुकड़ा दालचीनी 
एक इलायची 
३,४, लौंग 
जरा सी मुलेठी 
एक छोटा टुकड़ा अदरक 
कुछ दाने काली मिर्च 
 तुलसी के कुछ पत्ते 

इन सब को आधा लीटर पानी में उबाले , एक चौथाई रह पर छान कर,गुनगुना ही पीये ,ये सब आप चाय में भी डाल सकते है ,अगर बीमारी अधिक बड़ गयी हो तो थोड़ी नीम की छाल  और गिलोय भी डाल ले किन्तु नीम की छाल और गिलोय को चाय में नहीं सिर्फ काढ़े में डाला जा सकता है,दिन में २ बार इस काढ़े का उपयोग करें !
जो लोग बीमार नहीं है वे भी ये काढ़ा दिन में एक बार पीये तो बीमारी से बचे रहेंगे 

नोट :- इस काढ़े में मुलेठी की मात्रा सबसे अधिक रखें ये काढ़े को आसानी से पचने लायक बनती है किन्तु जिन्हे डायबटीज हो वे मुलेठी नहीं डाले 

रविवार, 24 नवंबर 2013

जीरा-जल

जीरा जल अनीमिया को दूर करता है ,महिलाओं में स्फूर्ति बनाये रखने में सहायक है ,बढ़ते बच्चों के  हेल्थ -टॉनिक का काम करता है , पचाने में सहायता करता है, वात -कफ -पित  को बैलेंस करता है !

सप्ताह में दो बार जीरा- जल का उपयोग अवश्य करें !


विधि :- एक लीटर पानी में एक चम्म्च जीरा डाले ,धीमी आंच पर उबाले ,आधा कप रह जाये तो आंच बंद कर दें ,हल्का गर्म या ठंडा करके पीयें !

शनिवार, 16 नवंबर 2013

खाने के बाद मीठा

जिन भी  मित्रों  खाने के बाद मीठा खाने  है वे सावधान हो जाये !
खाना खाने के बाद मीठा खाने से वो मीठा हमारी पेंक्रियास को हानि पहुचता है ,
कारण ये है के जब तक सब खाना पच न जाये उसे( मीठे पदार्थ को) छोटी आंत में जाने   का रास्ता नहीं मिल पाता
इस के फल स्वरूप वो मीठा वहीं पड़ा  सड़ता है उससे  पेंक्रियास कमजोर पड़ती है और डाइबिटीज होने कि सम्भावना बढ़ती है !

आयुर्वेद में स्प्ष्ट कहा गया है के मीठे पदार्थ खाने के शुरू में ही खाने चाहिए ,हाल ही में हुई रिसर्च  इस बात को सौ फीसदी साबित कर दिया के आयुर्वेद  में कही बात सत्य है !खाने के बाद मीठा लेने का रिवाज अंग्रेजों ने शुरू किया  हम सब ने अपना लिया यदि आप अपने स्वास्थ्य  के प्रति जागरूक है तो इस आदत को बदलिए !




गुरुवार, 24 अक्तूबर 2013

मोटापा बढ़ता क्यों है?



मोटापा कम करने के हजारों उपाय आप ने पढ़े -सुने होंगें पर सब से सरल उपाय  है ये जानना के मोटापा बढ़ता क्यों है,मेडिकल की भाषा में समझे तो आवश्यकता से अधिक कैलेरी   लेने के कारण मोटापा बढने लगता है,जो व्यक्ति baithe रहते है अधिक काम नहीं karte और जिनकी aayu  बढ़ गईहै उन्हें दिन मे१२०० से लेकर १५०० कैलेरी की आवश्कता होती है,अधिक भागदोड़ करने वालेलोगों को ,बच्चों को,नवयुवको  को२००० से २५०० कैलेरी  की आवश्यकता होती है ,आइये  अब जानते है किस चीज में कितनी कैलेरी  होती है

सामान्य आकार की रोटी =  लगभग १०० कैलेरी
एक कटोरी  दाल/सब्जी  =    "        १०० कैलेरी
एक कप  चाय               =    "       १००  कैलेरी
एक कप काफी              =    "        २००  कैलेरी
 एक कटोरी पनीर की  या अधिक  आयल में बनी कोई भी  सब्जी                         =   "        ३०० से ५०० कैलेरी
एक कटोरी खीर            =  "        ५०० से  ६०० कैलेरी
एक समोसा /कचोरी       =  "        २०० से २५० कैलेरी
सेब/ संतरा/ अमरुद/ सामान्य आकार का १०० कैलेरी
केला १५० से२०० कैलेरी
बीन्स फली की सब्जी एक कटोरी ६० कैलेरी
एक कटोरी (सामान्य आकार) चावल १०० से १५० कैलेरी
१०० ग्राम  बिस्किट या नमकीन ४०० से ५०० कैलेरी
पूरी छोले की एक प्लेट ५०० से ६०० कैलेरी
हरा सलाद एक प्लेट १०० से १५० कैलेरी

इस प्रकार आप हिसाब लगा सकते है के आप ने दिन  भर में कितनी कैलेरी खाई  है अगर आप का वजन बढ़ गया है तो १२०० से१५०० तक कैलेरी खाइए हर महीने आप का वजन २ किलो तक कम हो जायेगा (खुद आजमाया हुआ नुस्खा ,निश्चिन्त रहें वजन जरुर कम होगा   :) वजन कम हो तो बताइयेगा जरुर )  विशेष =सुबह शाम  आधा घंटा सैर  करने जरुर जाएँ

  (अवन्ती सिंह )

सोमवार, 17 जून 2013

पक्की और सच्ची सहेलियाँ है हल्दी और काली मिर्च

कुछ दिन पहले एक  वैज्ञानिक का इंटरव्यू देखा   दूरदर्शन पर काफी जानकारी मिली एक विशेष बात आज बाकि फिर कभी ,हल्दी का उपयोग अवश्य करना चाहिए और हम सब करते भी है इस में केन्सर विरोधी तत्व पाए जाते है किन्तु उस तत्व को हमारा शरीर अधिक इस्तेमाल  नहीं कर पाता मल = मूत्र के माध्यम से बाहर निकाल  देता है
कितु   काली मिर्च और हल्दी का साथ उस तत्व को हमारे शरीर में रोकता है और हम केन्सर से बचे रह सकते है ,ये प्राचीन जानकारी है जो रिसर्च से पता चली है ,   अब से भोजन में हल्दी के साथ काली  मिर्च अवश्य डाले .....