एक टुकड़ा दालचीनी
एक इलायची
३,४, लौंग
जरा सी मुलेठी
एक छोटा टुकड़ा अदरक
कुछ दाने काली मिर्च
तुलसी के कुछ पत्ते
इन सब को आधा लीटर पानी में उबाले , एक चौथाई रह पर छान कर,गुनगुना ही पीये ,ये सब आप चाय में भी डाल सकते है ,अगर बीमारी अधिक बड़ गयी हो तो थोड़ी नीम की छाल और गिलोय भी डाल ले किन्तु नीम की छाल और गिलोय को चाय में नहीं सिर्फ काढ़े में डाला जा सकता है,दिन में २ बार इस काढ़े का उपयोग करें !
जो लोग बीमार नहीं है वे भी ये काढ़ा दिन में एक बार पीये तो बीमारी से बचे रहेंगे
नोट :- इस काढ़े में मुलेठी की मात्रा सबसे अधिक रखें ये काढ़े को आसानी से पचने लायक बनती है किन्तु जिन्हे डायबटीज हो वे मुलेठी नहीं डाले
Bahut upyogi jankari di hai..
जवाब देंहटाएंthanks & welcome to my blog.
बहुत ही अच्छी जानकारी। इससे स्वाइन फलू रोगियों की सहायता मिलेगी।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी जानकारी। इससे स्वाइन फलू रोगियों की सहायता मिलेगी।
जवाब देंहटाएंआपका blog अच्छा है। मै भी Social Work करती हूं।
जवाब देंहटाएंअनार शब्द सुनते ही एक कहावत स्मरण हो आता है-‘एक अनार, सौ बीमार।' चौंकिए मत, अनार बीमारियों का घर नहीं है, बल्कि यह तो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे उपचार और अन्य आयुर्वेदा के टीप्स पढ़ने के लिए यहां पर Click करें और पसंद आये तो इसे जरूर Share करें ताकि अधिक से अधिक लोग इसका फायदा उठा सकें। अनार से उपचार